कोयला खदानों में एक दिवसीय हड़ताल, अनूपपुर जिले के दो दर्जन कोयला खदान में कोयला उत्पादन पर संकट 

चारों श्रमिक संगठनों के द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा है आंदोलन

अनूपपुर। अनूपपुर जिले में एस ई सी एल हसदेव क्षेत्र तथा जमुना कोतमा क्षेत्र के दो दर्जन कोयला खदानों में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के अंतर्गत शुक्रवार को हड़ताल होने के कारण यहां कोयला उत्पादन पूरी तरह से ठप्प रहा। कोयला मजदूरों के साथ ही श्रमिक नेताओं के द्वारा कोयला खदान प्रवेश द्वार पर अपनी मांगों को लेकर के विरोध प्रदर्शन करने के साथ ही सरकार के श्रमिक विरोधी रवैया पर नाराजगी जताई।

इन मांगों को लेकर कर रहे हैं आंदोलन

चारों श्रमिक यूनियन के द्वारा जिन मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है उसमें खाली पड़े 19 लाख केंद्रीय सरकारी पद पर भर्ती करने, न्यूनतम वेतन 26000 रुपए करने, एमएमपी को समाप्त करने, किसानों को एमएसपी की गारंटी देने, ठेकेदारी प्रथा बंद करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने को लेकर के यह आंदोलन किया जा रहा है। इसके साथ ही एसईसीएल क्षेत्र अंतर्गत मेडिकल अनफिट की भीम पुनः बहाल करने कोयला उद्योग का निजीकरण बंद करने, ड्यूटी पर उपस्थित न होने की वजह से बर्खास्त किए जाने की प्रथा को बंद करते हुए ऐसे कर्मचारियों को पुनः बहाल करने, क्रांतिकारी एक मजदूर पद पर सीधी भर्ती करने, मजदूर प्रतिनिधियों से बात किए बिना हानि लाभ के फर्जी आंकड़ों से खदान बंद करने की प्रथा बंद करने, दुर्घटना में मारे गए कर्मचारियों के एक करोड रुपए मुआवजा देने तथा अस्पताल में इलाज की व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।

कोयला मजदूरों की इन समस्याओं को लेकर के भी की मांग

एस ई सी एल जमुना कोतमा क्षेत्र तथा हसदेव क्षेत्र के प्रमुख मांगों में संडे तथा एचडी ड्यूटी भेदभाव के बिना दिए जाने, लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण करने पेयजल तथा कॉलोनी क्वार्टर की मरम्मत तथा अवैध बिजली कटौती बंद करने, ठेकेदारी मजदूर को हर माह वेतन भुगतान तथा पेंशन ग्रेच्युटी तथा इलाज की सुविधा देने, चिकित्सा व्यवस्था सुधारने संबंधी मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है।